लाइब्रेरी में जोड़ें

प्रेम छंद




प्रेम छंद

         मात्रा भार 16/6

प्रेम करो तो प्रेम मिलेगा, मत तरसो।

मन में स्नेहिल भाव जगेगा, चल हर्षो।

करो सभी का दिल से आदर, अब बरसो।

मिलना सब से हाथ जोड़ कर, नित सरसो।

करना सबकी सदा भलाई, नित्य हँसो।

सेवा ही होती सुखदायी, स्वयं कसो।

प्रेम जगाओ हर मानव में, जाय बसो।

संवेदना जगे दानव में, स्वयं रसो।

हो उत्साह सदा जीवन में, नित गरजो।

ले चल मुरली वृंदावन में, कान्हा जो।


              रचनाकार:

  

  डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

ग्राम व पोस्ट-हरिहरपुर (हाथी बाजार), वाराणसी 221405

  उत्तर प्रदेश, भारतवर्ष








   7
2 Comments

Renu

23-Jan-2023 04:56 PM

👍👍🌺

Reply

अदिति झा

21-Jan-2023 10:29 PM

Nice 👍🏼

Reply